सैनिकों की शहादत के लिए पाकिस्तान जिम्मेदार, युद्ध नहीं।

दिल्ली विश्वविद्यालय विवाद में एबीवीपी पुरी तरह गलत नहीं है। मामले को गलत मोड़ ना दें सिर्फ विरोध के लिए विरोध ना करें। ना ही ग्लैमर के लिए जैसा की शहीद की बेटी कर रही है। बात एबीवीपी या एआईएसएफ की नहीं है। बात देश की है। गुलमेहर कौर शहीद की बेटी हैं लेकिन देश में अन्य शहीदों के भी संतान हैं , जो यह मानते हैं कि देश सर्वोपरि है। भारत ने कभी भी किसी देश पर आक्रमण नहीं किया सिर्फ अपना बचाव ही किया है। जिस कारगिल की लड़ाई में गुलमेहर पिता शहीद हुए थे, उस युद्ध की सच्चाई क्या है ? कौन नहीं जानता है कि कारगिल में पाकिस्तान ने घुसपैठ कर कब्जा कर लिया था जिसे भारतीय सेना ने आमने सामने की वीरतापूर्वक लड़ाई में पुनः कब्जा किया था। गुलमेहर कहती हैं कि उनके पिता को पाकिस्तान ने नहीं युद्ध ने मारा है। तो सवाल यह उठता है कि उस युद्ध को भारत पर किसने थोपा। गुलमेहर क्या चाहती हैं कि दुश्मन भारतीय भूभाग पर कब्जा करते रहे और हम युद्ध के डर से पीछे हटते रहें। एक बात और अभी युद्ध नहीं है फिर भी कश्मीर में हर दिन कोई ना कोई सैनिक शहीद हो रहा है। और पाकिस्तान परस्त आतंकवादी और पाकिस्तानी सैनिक ही जिम्मेदार है। पाकिस्तान ही हमारा दुश्मन है। युद्ध नहीं।पाकिस्तान नहीं होगा तो हमें युद्ध की जरूरत नहीं होगी।

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